प्रेगनेंसी में फिट रहने के लिए योगा करना काफी अच्छा तरीका है। योगा करने से मसल अच्छी रहती हैं, सहनशीलता बढ़ती है, प्रेगनेंसी में कई दिक्कतों का सामना करने में मदद मिलती है और इससे खून का संचार भी बढ़ता है।
इस आर्टिक्ल में हम उन योगा पोज़ यानी मुद्रा की बात करेंगे जिनसे खून का संचार बढ़ता है। सर्क्युलेशन एक्सर्साइज़ करने से खून का संचार शरीर में अच्छा होता है जिससे बच्चे को कोख में ज़्यादा से ज़्यादा ऑक्सिजन मिले।
चार तरीके की सर्क्युलेशन एक्सर्साइज़ होती हैं- A,B,C,D.
सर्क्युलेशन-A
इसको खड़े-खड़े या बैठे हुए भी कर सकते हैं।
1)हाथों को अपने कंधों की रेखा में आगे खींचे।
2)अपने पंजों को बाहर करें और इस समय कोहनी तनी हुई होनी चाहिए।
3)अपनी कलाइयों को अब ऊपर नीचे करें 10 बार करें।
सर्क्युलेशन-B
इन्हे भी बैठे या खड़े कैसे भी कर सकते हैं।
1)अपने हाथों को आगे करें और कंधों की रेखा में रखें।
2)अपनी हथेली को सीधे रखें, और उंगली तनी हुई।
3)अपनी हथेली को ऊपर नीचे 10 बार करें।
सर्क्युलेशन-C
इसको बस खड़े होकर ही कर सकते हैं।
1)पाँव एक-दूसरे से थोड़े अलग होने चाहिए, और हाथ रिलेक्स होने चाहिए।
2)अपने बाएँ पैर को पीछे घुमाएँ, इससे पूरे शरीर का वज़न सीधे पाँव पर आ जाएगा।
3)ऐसा फिर सीधे पाँव के साथ करें।
4)ऐसा कम से कम 7-10 बार करें।
इससे नीचे के शरीर में खून का संचार अच्छा होता है और इससे घुटने की पीछे की नस यानी हैम्स्ट्रिंग मजबूत होती है।
सर्क्युलेशन-D
इसको भी बस खड़े होकर ही कर सकते हैं।
1)दोनों पाँव अलग होने चाहिए। अपनी कलाई को अपने सीनें के सामने रखें और इस समय कोहनी मुड़ी होनी चाहिए।
2)अपनी दोनों कोहनी को पीछे करें जिससे छाती खींचे।
3)इस सीने की गतिविधि के साथ, अपने बाएँ पाँव को पीछे करें, और अपने शरीर के वज़न को सीधी तरफ रखें।
4)ऐसा फिर सीधे पाँव के साथ करें।
5)ऐसी एक्सर्साइज़ दिन में 7-10 बार करें।
अब आपको पता है की संचार यानी सर्क्युलेशन की एक्सर्साइज़ कैसे करनी है। अगर आप अभी शुरुआत कर रहे हैं तो आपको अपने डॉक्टर से हमेशा सलाह लेनी चाहिए।