प्रसव को वैसे ही इंग्लिश में लेबर नहीं कहा जाता है। बच्चा पैदा करना काफी मुश्किल है, और इसमें सबसे मुश्किल है दर्द का सामना करना। लेकिन चिंता ना करें, ऐसे कई तरीके से हैं जिनसे आप दर्द का सामना कर सकती हैं। बर्क्ली में नर्स का काम करने वाली और दो बच्चों की माँ किम हिल्डेब्रेंड कहती हैं की ज़्यादा चीजों के साथ तैयार रहना ही सबसे अच्छा ऑप्शन है। उनके अनुसार,”आपको नहीं पता की इस समय क्या चीज़ काम आ जाए, और आपको जो अभी काम आ रहा है वो बाद में काम आए इसकी कोई गारंटी नहीं है।“ इसलिए आपका इस समय अध्यन करना काफी अहम हो जाता है। इसलिए दर्द निवारक दुनिया में घुसने के लिए तैयार हो जाइए।
- बिना दवाई के रास्ता
एक और बड़ी नर्स स्टेसी रीस कहती हैं,“ प्रसव के समय आप एक सबसे अहम अंग को रिलेक्स कर सकती हैं और वो है आपका दिमाग।“ बात सीधी है, अगर आप डरते हैं तो आपका दर्द और भी डरावना हो जाता है। रीस का प्रसव का दर्द 21 घंटे चला था। रीस,”मैंने उस समय अपना दिमाग शांत रखने की कोशिश की और ज़्यादा तनाव नहीं लिया, इसका परिणाम भी काफी अच्छा था। मुझे लगा मैंने कोई अच्छी दवाई ली थी, जिससे मुझे बिलकुल दर्द नहीं हुआ।“
2 सांस लेना
रिलेक्स रहने के लिए आपको अपनी सांस पर ध्यान देना होता है, जैसे आप वज़न उठाते हुए करते हैं। आप किसी भी प्रकार की सांस ले रही हों, जब तब आप अपनी स्वांस और छोड़ने पर ध्यान दे रही हैं तब तक आपको आराम मिलेगा। रीस,”मैं महिलाओं को बताती हूँ की उनकी सांस ही उनका साथी है। और हमें अंत तक अपनी साँसों पर ही ध्यान देना है।
और लंबी-लंबी सांस लेते हुए अजीब ही आवाज़ निकालते हुए शर्मिंदा भी महसूस मत कीजिए। रीस के अनुसार महिलाओं को कम गहन वाली सिसकियाँ लेनी चाहिए, तेज़ी से चिल्लाने से आपके गले में तनाव आता है। रीस,”दूसरे बच्चे के समय मैं डॉक्टर द्वारा सुझाए गए गम गति के साउंड निकालने में सफल रही। लेकिन पहले बच्चे में तो मेरी चिल्लाहट ही निकल गई।“
3 हिलना-ढुलना
टहलने, जगह बदलने और बर्थिंग बॉल पर घूमने से ना सिर्फ दर्द कम होता है बल्कि गुरुत्व बल का सहारा लेकर आप अपने बच्चे को श्रोणि में नीचे की ओर भी धकेलती हैं। हॉस्पिटल में आप पर कई प्रकार की पिन लगी होती हैं, और ऐसे में टहलना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन आप इस समय अपने हाथ-पाँव हिला सकती हैं, उठक-बैठक कर सकती हैं और साइड में लेट सकती हैं। एक और माँ एंड्रिया वेंडर के अनुसार,”इस समय हाथ-पाँव हिलाने से काफी मदद मिली। मैंने नहाते हुए भी सीखा की सिंक पर झुकने और सीडियों पर झुकने से भी अच्छा लगता है।“